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दामन में आँसुओं का ज़ख़ीरा न कर अभी साक़ी फ़ारुक़ी ग़ज़ल
हम को जुनूँ क्या सिखलाते हो हम थे परेशाँ तुम से ज़ियादा मजरूह सुल्तानपुरी ग़ज़ल
जिसे इश्क़ का तीर कारी लगे वली मोहम्मद वली ग़ज़ल
ख़याल-ओ-ख़्वाब हुई हैं मोहब्बतें कैसी उबैदुल्लाह अलीम ग़ज़ल
कब मेरा नशेमन अहल-ए-चमन गुलशन में गवारा करते हैं क़मर जलालवी ग़ज़ल
नगरी नगरी फिरा मुसाफ़िर घर का रस्ता भूल गया मीराजी ग़ज़ल
हम हैं मता-ए-कूचा-ओ-बाज़ार की तरह मजरूह सुल्तानपुरी ग़ज़ल
है जुस्तुजू कि ख़ूब से है ख़ूब-तर कहाँ अल्ताफ़ हुसैन हाली ग़ज़ल
सोज़-ए-ग़म दे के मुझे उस ने ये इरशाद किया जोश मलीहाबादी ग़ज़ल
रंग पैराहन का ख़ुशबू ज़ुल्फ़ लहराने का नाम फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ ग़ज़ल
रौशन जमाल-ए-यार से है अंजुमन तमाम हसरत मोहानी ग़ज़ल
ये क्या जगह है दोस्तो ये कौन सा दयार है शहरयार ग़ज़ल
ये आरज़ू थी तुझे गुल के रू-ब-रू करते हैदर अली आतिश ग़ज़ल
जब से क़रीब हो के चले ज़िंदगी से हम निदा फ़ाज़ली ग़ज़ल
मरने की दुआएँ क्यूँ माँगूँ जीने की तमन्ना कौन करे मुईन अहसन जज़्बी ग़ज़ल
गेसू-ए-ताबदार को और भी ताबदार कर अल्लामा इक़बाल ग़ज़ल
दुनिया के सितम याद न अपनी ही वफ़ा याद जिगर मुरादाबादी ग़ज़ल
किसी और ग़म में इतनी ख़लिश-ए-निहाँ नहीं है मुस्तफ़ा ज़ैदी ग़ज़ल
यारो मुझे मुआ'फ़ रखो मैं नशे में हूँ मीर तक़ी मीर ग़ज़ल
हम ही में थी न कोई बात याद न तुम को आ सके हफ़ीज़ जालंधरी ग़ज़ल